इकाई – 1. जनन | 14 अंक |
- पुष्पी पौधों में लैंगिक जनन – पुष्प की संरचना, नर एवं मादा युग्मकोद्भिद का विकास, परागण – प्रकार, अभिकर्मक एवं उदाहरण, बहिः प्रजनन युक्तियाँ, पराग स्त्रीकेसर संकर्षण, दोहरा निषेचन, निषेचन पश्च घटनाएं- भ्रूणपोष एवं भ्रूण का परिवर्धन, बीज का विकास एवं फल का निर्माण, विशेष विधियाँ– एपोमिक्सिस (असंगजनता) अनिषेकफलन, बहुभ्रूणता, बीज प्रकीर्णन का महत्व एवं फल निर्माण।
- मानव जनन – नर एवं मादा जनन तंत्र वृषण एवं अंडाशय की सूक्ष्मदर्शीय शरीर रचना, युग्मकजनन- शुक्राणुजनन एवं अंडजनन मासिक चक्र, निषेचन, भ्रूणीय परिवर्धन (ब्लास्टोसाइट निर्माण तक ) अंतर्रोपण, सगर्भता एवं प्लेसेंटा निर्माण (सामान्य ज्ञान) प्रसव एवं दुग्ध स्रवण (सामान्य परिचय).
- जनन स्वास्थ्य – जनन स्वास्थ्य की आवश्यकता एवं यौन संचरित रोगों की रोकथाम, परिवार नियोजन – आवश्यकता एवं विधियाँ, गर्भ निरोध एवं चिकित्सीय सगर्भता समापन (MTP ) एमीनोसेंटेसिस, बंध्यता एवं सहायक जनन प्रौद्योगिकियाँ- IVE, ZIFT, GIFT (सामान्य जागरूकता के लिये प्रारम्भिक ज्ञान).
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इकाई – 2. आनुवंशिकी और विकास | 18 अंक |
- वंशागति और विविधता – मेंडलीय वंशागति, मेंडलीय अनुपात से विचलन अपूर्ण प्रभाविता, सहप्रभाविता, गुणनात्मक विकल्पी एवं रूधिर वर्गों की वंशागति, प्लीओट्रोफी, बहुजीनी वंशागति का प्रारम्भिक ज्ञान, वंशागति का क्रोमोसोम सिद्धान्त, क्रोमोसोम्स और जीन, लिंग निर्धारण मनुष्य, पक्षी, मधुमक्खी सहलग्नता और जीन विनिमय, लिंग सहलग्न वंशागति हीमोफीलिया, वर्णान्धता, मनुष्य में मंडलीय विकार – थैलेसेमिया, मनुष्य में गुणसूत्रीय विकार -डाउन सिन्ड्रोम, टर्नर एवं क्लीनफैल्टर सिन्ड्रोम।
- वंशागति का आणविक आधार – आनुवंशिक पदार्थ की खोज एवं डी०एन०ए० एक आनुवंशिक पदार्थ, डी०एन०ए० व आर0एन0ए0 की संरचना, डी०एन०ए० पैकेजिंग, डी०एन०ए० प्रतिकृतियन, सेन्ट्रल डोगोमा, अनुलेखन, आनुवंशिक कूट, रूपान्तरण, जीन अभिव्यक्ति एवं नियमन, लैक ओपेरान, जीनोम एवं मानव जीनोम प्रोजेक्ट, डी०एन०ए० फिंगर प्रिंटिंग।
- विकास – जीवन की उत्पत्ति, जैव विकास एवं जैव विकास के प्रमाण पुराजीवी, तुलनात्मक – शरीर रचना, भ्रौणिकी एवं आणविक प्रमाण, डार्विन का योगदान, Modern Synthetic Theory. विकास की क्रियाविधि – विभिन्नताएं (उत्परिवर्तन एवं पुनर्योजन ) एवं प्राकृतिक चयन, प्राकृतिक चयन के प्रकार, जीन प्रवाह एवं आनुवंशिक अपवाह, हार्डी वेनबर्ग सिद्धान्त अनुकूली विकिरण, मानव का विकास।
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इकाई – 3. जीव विज्ञान और मानव कल्याण | 14 अंक |
- मानव स्वास्थ्य और रोग – अंक रोग जनक, मानव में रोग उत्पन्न करने वाले परजीवी (मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, फाइलेरिएसिस, एस्केरिएसिस, टायफाइड, जुकाम, न्यूमोनिया, अमीबाइसिस रिंग वार्म) एवं उनकी रोकथाम। प्रतिरक्षा विज्ञान की मूलभूत संकल्पनाएं टीके, कैंसर, एच०आई०वी० और एड्स, यौवनावस्था – नशीले पदार्थ (ड्रग) और एल्कोहाल का कुप्रयोग ।
- मानव कल्याण में सूक्ष्म जीव – घरेलू खाद्य उत्पादों में, औद्योगिक उत्पादन, वाहित मल उपचार, ऊर्जा उत्पादन, जैव नियंत्रक कारक के रूप में एवं जैव उर्वरक,
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इकाई – 4. जैव प्रौद्योगिकी एवं उसके अनुप्रयोग | 10 अंक |
- जैव प्रौद्योगिकी – सिद्धान्त एवं प्रक्रम – आनुवंशिक इंजीनियरिंग (पुनर्योगज DNA तकनीक)
- जैव प्रौद्योगिकी एवं उसके उपयोग – जैव प्रौद्योगिकी का स्वास्थ्य एवं कृषि में उपयोग, मानव इंसुलिन और वैक्सीन उत्पादन, जीन चिकित्सा, आनुवंशिकीय रुपान्तरित जीव बी0टी0 (BT) फसलें, ट्रांसजीनिक जीव, जैव सुरक्षा समस्याएं, बायोपायरेसी एवं पेटेंट।
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इकाई – 5. पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण | 14 अंक |
- जीव और समष्टियां – समष्टि, समष्टि पारस्परिक क्रियाएं-सहोपकारिता, स्पर्धा, परभक्षण, परजीविता, समष्टि गुण-वृद्धि, जन्म एवं मृत्युदर, आयु वितरण।
- पारितंत्र – संरचना (स्वरूप), घटक, उत्पादकता एवं अपघटन, ऊर्जा प्रवाह पारिस्थितिक पिरामिड – जीव संख्या, भार एवं ऊर्जा के पिरामिड
- जैव विविधता एवं संरक्षण – जैव विविधता की संकल्पना, जैव विविधता के प्रतिरूप, जैव विविधता का महत्व, क्षति एवं जैव विविधता का संरक्षण- हाट स्पाट, संकटग्रस्त जीव, विलुप्ति, रैड डाटा बुक, बायोस्फीयर रिजर्व, राष्ट्रीय उद्यान, सेन्चुरीज।
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