Whatsapp Group Join Now
Telegram Group Join Now

UPSC Geography Syllabus in Hindi 2024 PDF Download

UPSC Geography Syllabus In Hindi 2024: नमस्कार दोस्तों BhawaniShankar.in पर आपका स्वागत है। Union Public Service Commission (UPSC) Mains में पेपर 6 और 7 का महत्वपूर्ण विषय (Geography) भूगोल रखा गया है, इस लेख में हम आपको UPSC Geography Syllabus In Hindi 2024 के बारे में बताने वाले हैं इसके साथ UPSC Geography Optional Syllabus In Hindi 2024 की पीडीएफ डाउनलोड करने की लिंक भी नीचे दी गई है।

arrow dropdown

Telegram Group Join Now

UPSC Geography ka Syllabus in Hindi 2024

अब हम आपको UPSC Geography Syllabus In Hindi 2024 PDF Download हिंदी में बताने वाले है और यदि UPSC Geography Syllabus In Hindi 2024 आपको यंहा पर कोई कमी लग रही है, तो आप UPSC की ऑफिसियल वेब पोर्टल से भी देख सकते है।

इसे भी पढ़ें >>>

UPSC Syllabus in Hindi 2024

UPSC Geography Syllabus Exam Pattern in Hindi 2024

UPSC Mains में पेपर 6 और 7 का महत्वपूर्ण विषय भूगोल रखा गया है, इस लेख में हम आपको यूपीएससी जियोग्राफी सिलेबस इन हिंदी 2024 के बारे में बताने वाले हैं इसके साथ UPSC Geography Optional Syllabus In Hindi 2024 की पीडीएफ डाउनलोड करने की लिंक भी नीचे दी गई है।

पेपरMains मुख्य पेपरविषयअंकसमय
  1.पेपर VIGeography पेपर- I2503 घंटे
  2.पेपर VIIGeography पेपर- II250
कुल500
  • प्रत्येक पेपर 250 अंको का होगा।
  • पेपर हल करने के लिए 3 घंटे समय होता है।
  • परीक्षा में गलत प्रश्न के लिए कोई नकारात्मक अंकन (NO NAGETIVE MARKING) नहीं है।

UPSC Geography Syllabus in Hindi 2024

UPSC Geography Syllabus in Hindi 2024

UPSC Geography Syllabus in Hindi Paper 1

  1. भू-आकृति विज्ञान: भू-आकृति विकास के नियंत्रक कारक; अंतर्जात एवं बहिर्जात बल भूपर्पटी का उद्गम एवं विकास; भू-चुंबकत्व के मूल सिद्धांत; पृथ्वी के अंतरंग की प्राकृतिक दशाएं: भू-अभिनति महाद्वीपीय विस्थापन; समस्थिति; प्लेट विवर्तनिकी; पर्वतोत्पति के संबंध में अभिनव विचार; ज्वालामुखीयता; भूकंप एवं सुनामी भू-आकृतिक चक्र एवं दृश्यभूमि विकास की संकल्पनाएं; अनाच्छादन कालानुक्रम; जलमार्ग आकृति विज्ञान; अपरदन पृष्ठ प्रवणता विकास अनुप्रयुक्त भू-आकृति विज्ञान, भूजलविज्ञान, आर्थिक भू-विज्ञान एवं पर्यावरण।
  2. जलवायु विज्ञान: विश्व के ताप एवं दाब कटिबंध; पृथ्वी का तापीय बजट; वायुमंडल परिसंचरण, वायुमंडल स्थिरता एवं अनस्थिरता । भूमंडलीय एवं स्थानीय पवन मानसून एवं जेट प्रवाह; वायु राशि एवं वाताप्रजनन; शीतोष्ण एवं उष्ण- कटिबंधीय चक्रवात; वर्षण के प्रकार एवं वितरण; मौसम एवं जलवायुः कोपेन, थॉर्नवेट एवं त्रेवार्धा का विश्व जलवायु वर्गीकरण; जलीय चक्र; वैश्विक जलवायु परिवर्तन एवं जलवायु परिवर्तन में मानव की भूमिका एवं अनुक्रिया, अनुप्रयुक्त जलवायु विज्ञान एवं नगरी जलवायु।
  3. समुद्र विज्ञान: अटलांटिक हिंद एवं प्रशांत महासागरों की तलीय स्थलाकृति; महासागरों का ताप एवं लवणता ऊष्मा एवं लवण बजट, महासागरी निक्षेप तरंग, धाराएं एवं ज्वार-भाटा समुद्री संसाधन जीवीय, खनिज एवं ऊर्जा संसाधन प्रवाल मित्तियां प्रवाल रिजन समुद्र तल परिवर्तन समुद्र नियम एवं समुद्री प्रदूषण।
  4. जीव भूगोल: मुदाओं की उत्पत्तिः मुदाओं का वर्गीकरण एवं वितरण मृदा परिच्छेदिका मृदा अपरदन न्यूनीकरण एवं संरक्षण; पादप एवं जंतुओं के वैश्विक वितरण को प्रभावित करने वाले कारकः वन अपरोपण की समस्याएं एवं सरंक्षण के उपाय सामाजिक वानिकी कृषि वानिकी वन्य जीवन प्रमुख जीन पूल केंद्र।
  5. पर्यावरणीय भूगोल: पारिस्थितिकी के सिद्धांत मानव पारिस्थितिक अनुकूलन पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण पर मानव का प्रभाव वैश्विक एवं क्षेत्रीय पारिस्थितिक परिवर्तन एवं असंतुलन पारितंत्र उनका प्रबंधन एवं संरक्षण पर्यावरणीय निम्नीकरण, प्रबंधन एवं संरक्षण, जैव विविधता एवं संपोषणीय विकास पर्यावरणीय शिक्षा एवं विधान।

मानव भूगोल

  1. मानव भूगोल में संदर्श: क्षेत्रीय विभेदन प्रदेशिक संश्लेष द्विभाजन एवं द्वैतवाद; पर्यावरणवाद मात्रात्मक क्रांति अवस्थिति विश्लेषण उग्रसुधार, व्यावहारिक, मानवीय कल्याण उपागमः भाषाएं, धर्म एवं निरपेक्षीकरण: विश्व सांस्कृतिक प्रदेश मानव विकास सूचक।
  2. आर्थिक भूगोल: विश्व आर्थिक विकास माप एवं समस्याएं; विश्व संसाधन एवं उनका वितरण ऊर्जा संकल्प संवृद्धि की सीमाएं: विश्व कृषि: कृषि प्रदेशों की प्रारूपता कृषि निवेश एवं उत्पादकता खाद्य एवं पोषण समस्याएं खाद्य सुरक्षा दुर्भिक्ष कारण, प्रभाव एवं उपचार विश्व उद्योग अवस्थानिक प्रतिरूप एवं समस्याएं विश्व व्यापार के प्रतिमान।
  3. जनसंख्या एवं वस्ती भूगोल: विश्व जनसंख्या की वृद्धि और वितरण जनसांख्यिकी गुण प्रवासन के कारण एवं परिणाम अतिरेक अल्प एवं अनुकूलतम जनसंख्या की संकल्पनाएं: जनसंख्या के सिद्धांत विश्व जनसंख्या समस्या और नीतियां सामाजिक कल्याण एवं जीवन गुणवता सामाजिक पूंजी के रूप में जनसंख्या ग्रामीण बस्तियों की प्रकार एवं प्रतिरूपः ग्रामीण बस्तियों में पर्यावरणीय मुद्दे नगरीय वस्तियों का पदानुक्रम नगरीय आकारिकी प्रमुख शहर एवं श्रेणी आकार प्रणाली की संकल्पना, नगरों का प्रकार्यात्मक वर्गीकरण: नगरीय प्रभाव क्षेत्र ग्राम नगर उपांत अनुषंगी नगर, नगरीकरण की समस्याएं एवं समाधान नगरों का संपोषणीय विकास।
  4. प्रादेशिक आयोजना: प्रदेश की संकल्पना प्रदेशों के प्रकार एवं प्रदेशीकरण की विधियां वृद्धि केन्द्र तथा वृद्धि ध्रुवः प्रादेशिक असंतुलन प्रादेशिक विकास कार्यनीतियां प्रादेशिक आयोजना में पर्यावरणीय मुद्दे संपोषणीय विकास के लिए आयोजना।
  5. मानव भूगोल में मॉडल, सिद्धांत एवं नियम: मानव भूगोल में प्रणाली विश्लेषण; माल्थस का मार्क्स का और जनसांख्यिकीय संक्रमण मॉडल क्रिस्टावर एवं लॉश का केन्द्रीय स्थान सिद्धांत; पेरू एवं बूदेखिए वॉन धूनेन का कृषि अवस्थान मॉडल वेबर का औद्योगिक अवस्थान मॉडल ओस्तोव का वृद्धि अवस्था माडल : अंत: भूमि एवं वहिः भूमि सिद्धांत; अंतरराष्ट्रीय सीमाएं एवं सीमांत क्षेत्र के नियम।

इसे भी पढ़ें >>>

UPSC History Syllabus in Hindiयहाँ देख सकते है।

UPSC Geography Syllabus in Hindi 2023 Paper 2

भारत का भूगोल

  1. भौतिक विन्यास: पड़ोसी देशों के साथ भारत का अंतरिक्ष + संबंध संरचना एवं उच्चावच अपवाहतंत्र एवं जल विभाजक भू-आकृतिक प्रदेश भारतीय मानसून एवं वर्षा प्रतिरूप उष्णकटिबंधीय चक्रवात एवं पश्चिमी विक्षोभ की क्रिया विधिः बाद एवं अनावृष्टि जलवायत्री प्रदेश प्राकृतिक वनस्पति, मृदा प्रकार एवं उनका वितरण।
  2. संसाधन: भूमि सतह एवं भीमजल, ऊर्जा, खनिज, जीवीय एवं समुद्री संसाधन वन एवं वन्य जीवन संसाधन एवं उनका संरक्षण ऊर्जा संकट।
  3. कृषि: अवसंरचना सिंचाई, बीज, उर्वरक, विद्युत संस्थागत कारक: जोत भू-धारण एवं भूमि सुधार शस्यन प्रतिरूप कृषि उत्पादकता, कृषि प्रकर्ष, फसल संयोजन, भूमि क्षमता कृषि एवं सामाजिक वानिकी हरित क्रांति एवं इसकी सामाजिक आर्थिक एवं पारिस्थितिक विवक्षाः वर्षाधीन खेती का महत्व पशुधन संसाधन एवं श्वेत क्रांति, जल कृषि, रेशम कीटपालन, मधुमक्खीपालन एवं कुक्कुट पालन कृषि प्रादेशीकरण; कृषि जलवायवी क्षेत्र कृषि पारिस्थितिक प्रदेश।
  4. उद्योग: उद्योगों का विकास कपास, जूट, वस्त्रोद्योग, लोह एवं इस्पात, अलुमिनियम, उर्वरक, कागज, रसायन एवं फार्मास्युटिकल्स, आटोमोबाइल, कुटीर एवं कृषि आधारित उद्योगों के अवस्थिति कारक; सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों सहित औद्योगिक घराने एवं संकुल औद्योगिक प्रादेशीकरण नई औद्योगिक नीतियां: बहुराष्ट्रीय कंपनियां एवं उदारीकरण विशेष आर्थिक क्षेत्र पारिस्थितिक पर्यटन समेत पर्यटन।
  5. परिवहन, संचार एवं व्यापार: सड़क, रेलमार्ग, जलमार्ग, हवाईमार्ग एवं पाइपलाइन नेटवर्क एवं प्रादेशिक विकास में उनकी पूरक भूमिका राष्ट्रीय एवं विदेशी व्यापार वाले पत्तनों का बढ़ता महत्व व्यापार संतुलन व्यापार नीति निर्यात प्रक्रमण क्षेत्र संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी में आया विकास और अर्थव्यवस्था तथा समाज पर उनका प्रभाव भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम।
  6. सांस्कृतिक विन्यास: भारतीय समाज का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य प्रजातीय, भाषिक एवं नृजातीय विविधताएं धार्मिक अल्पसंख्यक प्रमुख जनजातियां, जनजातीय क्षेत्र तथा उनकी समस्याएं: सांस्कृतिक प्रदेश जनसंख्या की संवृद्धि, वितरण एवं घनत्व जनसांख्यिकीय गुण लिंग अनुपात, आयु संरचना, साक्षरता दर कार्यबल, निर्भरता अनुपात, आयुकाल: प्रवासन (अंतःप्रादेशिक प्रदेशांतर तथा अंतर्राष्ट्रीय) एवं इससे जुड़ी समस्याएं, जनसंख्या समस्याएं एवं नीतियां स्वास्थ्य सूचक।
  7. बस्ती: ग्रामीण बस्ती के प्रकार, प्रतिरूप तथा आकारिकी; नगरीय विकास भारतीय शहरों की आकारिथी; भारतीय शहरों का प्रकार्यात्मक वर्गीकरण सत्रगर एवं महानगरीय प्रदेश नगर स्वप्रसार गंदी वस्ती एवं उससे जुड़ी समस्याएं, नगर आयोजना नगरीकरण की समस्याएं एवं उपचार।
  8. प्रादेशिक विकास एवं आयोजना: भारत में प्रादेशिक आयोजना का अनुभव पंचवर्षी योजनाएं समन्वित ग्रामीण विकास कार्यक्रम पंचायती राज एवं विकेंद्रीकृत आयोजना कमान क्षेत्र विकास; जल विभाजक प्रबंध पिछड़ा क्षेत्र, मस्स्थल, अनावृष्टि प्रवण, पहाड़ी, जनजातीय क्षेत्र विकास के लिए आयोजना बहुस्तरीय योजना प्रादेशिक योजना एवं द्वीप क्षेत्रों का विकास।
  9. राजनैतिक परिप्रेक्ष्य: भारतीय संघवाद का भौगोलिक आधार; राज्य पुनर्गठन नए राज्यों का आविर्भावः प्रादेशिक चेतना एवं अंतर्राज्य मुद्दे भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमा और संबंधित मुद्दे: सीमापार आतंकवाद वैश्विक मामले में भारत की भूमिका; दक्षिण एशिया एवं हिंद महासागर परिमंडल की भू-राजनीति।
  10. समकालीन मुद्दे: पारिस्थितिक मुद्दे पर्यावरणीय संकट भू-स्खलन, भूकंप, सुनामी, बाढ़ एवं अनावृष्टि, महामारी पर्यावरणीय प्रदूषण से संबंधित मुद्दे: भूमि उपयोग के प्रतिरूप में बदलाव: पर्यावरणीय प्रभाव आकलन एवं पर्यावरण प्रबंधन के सिद्धांत; जनसंख्या विस्फोट एवं खाद्य सुरक्षा पर्यावरणीय निम्नीकरण: वनोन्मूलन, मरुस्थलीकरण एवं मुद्दा अपरदन कृषि एवं औद्योगिक अशांति की समस्याएं आर्थिक विकास में प्रादेशिक असमानताएं संपोषणीय वृद्धि एवं विकास की संकल्पना; पर्यावरणीय संचेतना नदियों का सहवर्द्धन, भूमंडलीकरण एवं भारतीय अर्थव्यवस्था।

टिप्पणी अभ्यर्थियों को इस प्रश्नपत्र में लिए गए विषयों से संगत एक अनिवार्य मानचित्र आधारित प्रश्न का उत्तर देना अनिवार्य है।

Best 5 Books to Study Geography for UPSC Prelims Exam

लेखक और पुस्तकखरीदें
Majid Husain (Geography of India)यहाँ से खरीदें
Majid Husain ( World Geography)यहाँ से खरीदें
Oxford School Atlasयहाँ से खरीदें
Certificate in Physical and Human Geographyयहाँ से खरीदें
Physical, Human, and Economic Geographyयहाँ से खरीदें

UPSC Geography Syllabus In Hindi 2024 PDF Download

आप नीचे दिए लिंक से UPSC Geography Syllabus 2024 PDF Download कर सकते है।

सिलेबस डाउनलोडयहां क्लिक करें
ऑफिसियल वेबसाइटयहां क्लिक करें
WhatsApp ग्रुप मे जुड़ेंयहां क्लिक करें
Telegram पर जुड़ेंयहां क्लिक करें

Whatsapp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Leave a Comment